Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview



मॉडर्न वुमन का फेवरेट लाइफस्टाइल डेस्टिनेशन

यदि मांसपेशियां तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो उन्हें खास ध्यान देकर रिलैक्स करें। एक तरीका यह है कि अपने शरीर की सभी मांसपेशियों को तीन सेकंड के लिए कस लें, फिर उन्हें रिलैक्स करें। पूरे शरीर में तनाव को दूर करने के लिए ऐसा दो या तीन बार करें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि • तनाव से मुक्ति • संबंधों में सुधार • आनंदमय और उद्देश्यपूर्ण जीवन

मन के अंदर होने वाली घबराहट को अक्सर डर कहा जाता है। हमारे जीवन में कई ऐसी बातें होती हैं जिनके बारे में सोचकर हम घबराने लगते हैं या फिर अंदर ही अंदर डर लगने लगता है। तो इस मानसिक डर का इलाज कैसे किया जाए तथा  “मन से डर को कैसे निकालें?”

ये कुछ ख़ास और जरूरी डर दूर करने के तरीके हैं जिनका ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है.

इस तरह के विचार मन में पनप रहे होते हैं जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता, यह सब हमारे अपने मन का खेल है जिसके चुंगल में हममें से अधिकतर लोग फंस जाते हैं

हो सकता है किसी शारीरिक या मानसिक रोग की वजह से आपके साथ ऐसा हो रहा हो.

कुछ अनिश्चित होने की कल्पना (यानी जो हुआ ही नहीं या जो पहले हो चुका है) उसे दोबारा होते देखना यह बिल्कुल ऐसा प्रतीत होगा है जैसे – आपका शरीर और दिमाग आपसे बात कर रहे हैं। इससे पहले कि आप डर को खत्म करने के बारे में सोचें, सबसे पहले आपको समझना होगा डर एक सामान्य प्रतिक्रिया हैं जब आप इसके संकेतों को समझने लगते हैं तो डर को दूर करना सांस लेने और छोड़ने जैसा समान्य लगने लगेगा। चाहे डर कितना भयानक क्यों ना!

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें। और पढ़ें

जब भी नकारात्मक विचार आए, तुरंत उसे सकारात्मक विचारों से बदलें। उदाहरण: “मैं नहीं कर सकता” को “मैं कोशिश करूंगा” से बदलें।

डर से लड़ने के लिए मानसिक शक्ति कैसे बढ़ाएं

आप उसके साथ जाने से पहले ही ये सोच सोचकर डरते रहते हैं की कहीं वो मुझे गिरा ना दे और मैं मर ना जाऊं.

अक्सर जब कोई डर के विषय में सोच – विचार करता है, अधिकांशत वे शारीरिक खतरे के विषय में सबसे ज्यादा सोचते हैं जैसे – झगड़े के बीच में चोट लगने का डर, गहरी खाई से नीचे गिर जाने का डर, कभी-कभी डर फोबिया में Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana भी बदल जाता है। फोबिया एक खास तरह का डर है जो हमें किसी निश्चित परिस्थिति, वस्तु या जानवर जैसे – मकड़ी, कॉकरोच, स्टेज पर आकर बोलने से लगता है

उसके खो जाने का, उसके टूट जाने का, उसके चोरी हो जाने का या फिर उसके दूर चले जाने का. अरे भाई ये दुनिया ही नश्वर है तो चीज़ों की क्या औकात?

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